Posts

Showing posts from December 11, 2020

मूल्य शिक्षा की आवश्यकता एवं महत्व

  जीवन को खुशहाल व सफल बनाने के लिए इन्सान को अपने आप को मूल्यवान बनाना आवश्यक है , जिसके लिए सर्वप्रथम उसे अपना व्यवहार , आचरण व कर्म सुधारने आवश्यक होते हैं । इन्सान को मूल्यवान बनाने में शिक्षा की सर्वाधिक आवश्यकता होती है क्योंकि शिक्षा के बल पर ही कर्मों को गति प्रदान की जा सकती है । शिक्षा इन्सान के गुणों एवं प्रतिभा में वृद्धि करती है परन्तु सिर्फ पढ़ने-लिखने से ही इन्सान प्रतिभाशाली नहीं बनता ; बल्कि पढ़ने-लिखने के साथ-साथ शिक्षा को समझना भी आवश्यक है क्योंकि शिक्षा समझने से तथा विवेक द्वारा मंथन करने से ही इन्सान को ज्ञान की प्राप्ति होती है और ज्ञानी इन्सान समाज के लिए बहुत मूल्यवान होता है ।   जीवन की कठिनाइयों से बचने एवं उज्ज्वल भविष्य के लिए खुद को संसार में मूल्यवान बनाना अत्यंत आवश्यक है । संसार में प्रत्येक वस्तु व विषयों तथा जीवों तक का मूल्य है , जो इन्सान संसार में बेमोल होते हैं उनका जीवन किसी भौतिक वस्तु या जीव से भी तुच्छ हो जाता है । इन्सान का मूल्य समाज में व्यवहार , आचरण व कर्म के आधार पर प्राप्त सम्मान के अनुसार होता है । जो इन्सान सामाजिक सम्बन्ध...

State, Child and the Law

  CHILDREN anywhere around the world, form the most intrinsic part of the society. The construct of the word ‘child’ across societies is such that it has led to be a value laden term. There are so many attributes to the nature of the child, across societies that it has given children a certain straight jacket formula of the values that they need to possess. Innocence, gullibility, mirth, incapability, dependability, energetic, timidity, generous are some of the terms that conjure up the mind when we talk about children. Most of these attributes are considered to be signs of vulnerability and weakness in the big bad world. It gives a sense of superiority and a protectionist attitude to the grown-ups. This in turn sometimes renders the child agency less. History is proof enough of the fact that the child has battled this understanding and is now being seen as exerting rights as individuals. It is indeed interesting to note that family, which is essentially termed as the most basic un...